1st King of the World : राजा पृथु (King Prithu ) !
1st King of the World राजा पृथु (King Prithu) ध्रुव जी के वन गमन के पश्चात आगे चलकर उनके वंश में अंग नामक राजा हुये। राजा अंग बड़े भगवद भक्त थे, उनके वन चले जाने के बाद उनके पुत्र वेन को राजा बनाया गया। वेन अत्यंत दुष्ट प्रकृति का था। उसने दान, धर्म, हवन, सब बंद करा दिये। महात्माओं ने समझाया तो उनसे भी झगड गया। तब महात्माओं ने हुंकार भरी और वेन भस्म हो गया। वेन के कोई संतान नहीं थी अतः उसकी भुजाओं का मंथन किया गया। तब उनसे एक दिव्य जोड़ा प्रकट हुआ- जो पुरुष थे वो ‘महाराज पृथु’ थे और जो देवी थीं वो ‘महारानी अर्चि’ थीं। महाराज पृथु का राज्याभिषेक (Coronation Of King Prithu) महाराज पृथु का राज्याभिषेक हुआ और उन्हें समस्त पृथ्वी का सम्राट बनाया गया। महाराज पृथु जब सिंहासन पर बैठे, उस समय पृथ्वी अन्नहीन थी और प्रजा भूख से मर रही थी। प्रजा का करुण क्रन्दन सुनकर राजा पृथु अत्यधिक दुःखी हुये। जब उन्हें मालुम हुआ कि पृथ्वी माता ने अन्न,औषधि आदि को अपने उदर में छिपा लिया है तो वे क्रोधित होकर धनुष बाण लेकर पृथ्वी को मारने के लिए दौड़ पड़े। पृथ्वी काँप उठी और गौ का रूप बनाकर भागने